कभी इस संत के ज्ञान का हुआ था जमकर विरोध, अब वही विरोधी कर रहे हैं समर्थन
क्या अब सब धर्मगुरुओं के सुर अब बदलने लगे हैं!
कभी इस संत के ज्ञान का हुआ था जमकर विरोध, अब वही विरोधी कर रहे हैं समर्थन।
संत रामपाल जी महाराज के ज्ञान से प्रेरित श्रद्धालुओं ने धर्मगुरुओं के ज्ञान का किया आकलन तो सबके सुर बदलने लगे हैं।

"इस प्रकार का ज्ञान इस धरती पर या तो 600 साल पहले पूर्ण परमात्मा कबीर साहिब ने दिया या उनके द्वारा दिए गए ज्ञान द्वारा कुछ गिने चुने संतों ने कहा और आज के समय में सिर्फ और सिर्फ जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज के अलावा यह ज्ञान किसी और ने नहीं दिया।"
आज देश के तमाम लेखक, संत, धर्मगुरु आदि संत रामपाल जी महाराज की पुस्तकों का अध्ययन कर दबी जुबान ही सही परंतु संत रामपाल जी महाराज के तत्वज्ञान को स्वीकार कर रहे हैं।
इसी प्रकार प्रसिद्ध भगवताचार्य देवकीनंदन ठाकुर जी ने भी पूर्ण रूप से स्वीकारा है कि-"गीता ज्ञान श्रीकृष्ण ने नहीं दिया बल्कि उनके शरीर में काल ने प्रविष्ट होकर गीता ज्ञान बुलवाया" एवं एक अन्य संत ने स्वीकारा कि "शास्त्रों में परमात्मा साकार है" ।
इस प्रकार धीरे-धीरे इस देश का, इस दुनिया का बच्चा-बच्चा संत रामपाल जी महाराज के ज्ञान की भाषा बोलेगा उनके ज्ञान को पूर्ण रुप से स्वीकारेगा और अनुसरण करेगा। भले ही आज संत रामपाल जी का कितना भी विरोध हो रहा हो परंतु उन्होंने समाज में अपने तत्वज्ञान से इस प्रकार का वातावरण, परिस्थिति निर्मित कर दी है कि जिससे कोई भी मानव अछूता नहीं रह सकता।
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