मास्टर रामपाल आर्य ने जाट आरक्षण को तोड़ने के लिए दिया गलत बयान।

मास्टर रामपाल आर्य ने जाट आरक्षण को तोड़ने के लिए दिया गलत बयान।




दोस्तों सोमवार को जाट आरक्षण में एक नया मोड़ आ गया जब खुद को आर्य समाज के प्रमुख बताने वाले अभय कुंडू और मास्टर रामपाल आर्य ने संत रामपाल जी महाराज के समर्थकों द्वारा जाट आरक्षण के लिए दिए गए समर्थन को वापिस लेने की बात कही। उनके इस बयान से जाट समाज ही नही खुद आर्य समाज के लोग भी हतप्रभ हैं कि आखिर ये दोनों के इस बयान का इस समय में क्या मतलब हो सकता हैं, क्योंकि आर्य समाज के लोग और जाट समाज के लोग इस बात से अच्छी तरह से वाकिफ हैं कि फरवरी 2016 के जाट आरक्षण के दौरान 21 जाट व् आर्यसमाजी भाइयों की हत्या करने वाली सरकार का समर्थन ये दोनों व्यक्ति लगातार 2 साल से करते आ रहे हैं। इसका मतलब इन लोगों को जाट आरक्षण में मरने वाले लोगों से कोई सहानभूति नही है।

 आज जब जाट भाइयों के साथ साथ आर्य समाज के लोगों को न्याय दिलाने के लिए  संत रामपाल जी महाराज कें समर्थक अपना सबकुछ छोड़ कर जाट और आर्य समाजी भाइयों के साथ खड़े हुए हैं तो इन लोगों को फिर से राजनीती सूझी है। 

यहाँ एक और बात हैरान करने वाली है कि आर्य समाज को बदनाम करने के लिए एवं सरकार को लाभ देने के उद्देश्य से इस तरह का बयान मास्टर रामपाल और अभय कुंडू ने दिया है। जबकि आर्य समाज के प्रबुद्ध और मुख्य लोग संत रामपाल जी महाराज के अनुयायिओं के समर्थन से काफी खुश हैं। 

इन दोनों व्यक्तियों ने साजिश के तहत आंदोलन को तोड़ने के लिए ये बयान दिया है। अपने वर्चस्व को बचाने के लिए सरकार की गोद में बैठकर जाट व आर्य समाज के लोगों के साथ धोखा किया जा रहा है। 

गौरतलब है कि पिछले 2 साल में 10 से भी ज्यादा कार्यक्रम इन्होंने सरकार के आला मंत्रियो के साथ किये हैं और आज भी उनके साथ हैं जिन्होंने फरवरी 2016 के जाट आरक्षण में 21 जाट और आर्य समाज के लोगों को मौत के घाट उतारा था। ये दोहरी राजनीती करके कितना बड़ा षड्यंत्र रचा जा रहा है। 

आर्य समाज के लोग और जाट समाज के लोग ये अच्छे से जानते हैं कि संत रामपाल जी महाराज  के साथ ज्ञान की लड़ाई थी सत्यार्थ प्रकाश पर सवाल उठाने पर विरोध शुरू हुआ। लेकिन संत रामपाल जी महाराज तो आज भी अपने सत्संगों में टीवी पर उन पहलुओं पर खुल के बोलते हैं लेकिन किसी भी तथाकथित आर्य समाज के इन दोनों पदाधिकारियों ने लोगों को नही बताया कि संत रामपाल जी महाराज  किस बात को गलत बता रहे हैं उनके पास  संत रामपाल जी महाराज को गलत सिद्ध करने का कोई प्रमाण नही है। 

यहाँ तक की बीजेपी सरकार के पीठु बनकर घूम रहे इन दोनों नेताओं को आज ही संत रामपाल जी महाराज का विरोध करने का मौका मिला। लोग अब इनकी मानसिकता को समझ रहे हैं। लोगों से अपील है कि सबसे पहले तो अपने हक़ की लड़ाई में सबके साथ मिलकर चले 36 जात को बांटने वाले लोगों से सावधान रहें। और आंदोलन सफल होने के बाद पुनः अपने स्तर पर जाँच की जाये की आखिर संत रामपाल जी महाराज के साथ जो विवाद था उसका कारण क्या था। कहीं ऐसा न हो ये स्वार्थी लोग आपके जीवन से खिलवाड़ करते रहे। 

आज जो जाट आंदोलन का समर्थन कर रहा है वो ही सच्चा जाट और आर्य समाजी और एक सच्चा समाज हितेषी हो सकता है। आज इन दोनों के बयान ने ये सिद्ध कर दिया कि अपनी राजनीति चमकाने के लिए वो जाटों का एवं आर्य समाज के हितों का गला घोंट सकते हैं। रही बात देशद्रोह की तो वो तो आज सरकार के लिए जो भी मुसीबत बनता है तुरंत लगा दी जाती है, जैसा की आप पिछले 2 साल से देख रहे हैं। 

  • यदि कोई भी नेता या पदाधिकारी ये सिद्ध कर दे की संत रामपाल जी महाराज ने एक भी ऐसा कार्य किया है जिससे समाज को नुकसान हो तो हम भी उनके साथ हैं।
  •  आज तक उन्होंने किसी के आश्रम में जाकर किसी पे हमला नही किया, 
  • आज तक किसी भी सरकार का साथ नही दिया,
  •  कभी भी वोट बैंक का सहारा लेकर लोगों की भावनाओं से खिलवाड़ नही किया, 
  • कभी किसी राजनेता को अपने कार्यक्रम में आने नही दिया, 
  • 2016 में देश में सबसे ज्यादा खून संत रामपाल जी के अनुयायिओं ने दान किया, 
  • आज तक भंडारे के नाम पर सरकार या जनता से एक पैसा नही लिया, 
  • आज तक किसी की जमीन नही हड़पी, 
  • जेल में होने के बावजूद सरकार के अन्याय के खिलाफ जाट भाइयों को समर्थन दिया, 
  • जिन लोगों ने उनके आश्रम पर हमला किया उन पर केस तक नही किया। 
  • जिन लोगो ने उन्हें खत्म करने की कोशिश की उन्ही लोगों के हितों के लिए अपनी जान की बाजी लगा दी।  
बहुत सारी बाते है। दोस्तों अब आप ही विचार करें की आखिर संत रामपाल जी महाराज को बदनाम करने के पीछे लोगों के जेहन में नफरत पैदा करने के पीछे क्या कारण हो सकता है। हमे तो संत रामपाल जी महाराज के अनुयायिओं का धन्यवाद करना चाहिए जो समाज में भाई चारा बढ़ाने के लिए सबसे पहले आगे आये हैं। और हम सभी 36 बिरादरियो को एक जुट करने के लिए आगे आये हैं, तो हम जाट भाई भी उनका धन्यवाद करते हैं। दोस्तों अपनी राय जरूर दें खास कर मेरे जाट और आर्य समाजी भाई की आखिर कौन लोग है जो हमें बाटना चाहते हैं। 

अमित दहिया,  सचिव जिला युवा संघर्ष समिति, रोहतक।

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