बरवाला काण्ड 2014 में होता कुछ ऐसा पढ कर रूह कांप जायेगी...?

बरवाला काण्ड 2014 में होता कुछ ऐसा पढ कर रूह कांप जायेगी...?













जेलधाम में एक भक्त ने सतगुरु देव जी से कहा परमात्मा मैंने आज रात को स्वपन में देखा की बरवाला कांड में भक्तो व मासूम बच्चों की लाशो को ट्रको में भर भर कर बाहर निकाल रहे है चारो और खून ही खून फैला दिखाई दिया ।  मै तो बहुत डर गया था ये मैंने क्या देखा था मालिक ?



सतगुरु देव जी बोले- बेटा ये तो उस कबीर भगवान की विशेष रजा थी वरना जो तूने देखा ठीक वैसा ही होना था। काल ने 47 हजार की संख्या में पुलिस वालो को तुम्हारे साथ पिकनिक मनाने नहीं बल्कि लाशो का ढेर लगाने के लिए भेजा था। और वहा आगे खड़े होकर उनके पत्थर और लाठिया खाने वाली मेरी वो पूण्य आत्माए थी जिन्होंने 600 साल पहने काशी में मुझ दास पर अनजाने में पत्थर बरसायें थे। परमात्मा ने किसी तरह उन पापकर्मो को भी काटना था। 




सतगुरु देव जी बोले बेटा- यहाँ पृथ्वी के एक छोटे से टुकड़े के मालिक का घोडा यदि चरते चरते किसी गरीब किसान के खेत में घुस कर फसल को नुकशान पहुचाता है तो किसान की इतनी हिम्मत नहीं की उस जानवर को हांककर खेत से बाहर निकालू दू। उसे पता है राजा का घोडा है यदि किसी ने निकालते हुए देख लिया तो तुझे सूली तोड़ देगा। इसलिए वह किसान हाथ जोड़कर धोड़े से प्रार्थना करता है की महाराज यदि आप का पेट भर गया हो तो मुझ गरीब पर दया कीजिये वरना इस निर्धन के परिवार का पालन पोषण कैसे होगा।




गुरूजी बोले- बेटा एक छोटे से राजा के घोड़े को यहाँ किसी की हाथ लगाने की हिम्मत नहीं है और तुम समर्थ कबीर भगवान् के बच्चे हो उसके बाद भी अगर तुम्हे यहाँ कुछ दुःख आते है तो बार बार धन्यवाद करना उस परमपिता का और यही सोचना की ना जाने मुझ पापी आत्मा के काल भगवान् ने कोनसे संचित कर्मो के पहाड़ मुझ पर डाले थे जो मेरे सतगुरु देव जी ने फूल जैसी चोट में टाल दिया।
 कहते है.... 
सतगुरु शरण में आने से आई टलै बला । जै माथे मैं शूली हो वा काँटे में कटज्या।


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