जब कथावाचक आचार्य कोशिक महाराज को भेंट की ज्ञान गंगा तो तिलमिला उठे

ससच जो छिपाने की जद्दोजहद 



नैनागढ़ रोड़ स्थित बी.आर गार्डन मुरैना मध्य प्रदेश में 17 मार्च से कथा कर रहे कथावाचक कौशिक महाराज को जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज के शिष्यों ने चारों वेदों और 18 पुराणों का एक ही पुस्तक में प्रमाण सहित प्रसिद्ध एवं बहुचर्चित पुस्तक ज्ञान गंगा भेंट की एवं संत जी से निवेदन किया की वह पुस्तक को पढ़े,शास्त्रों से मिलान करें एवं विवेचन कर अपने शिष्यों और समाज को सही ज्ञान एवं सतमार्ग का रास्ता बताने में सहयोगी बने। बता दें की कोशिक महाराज महामंडलेश्वर अवधेशानंद गिरी जी महाराज के शिष्य है।

संत रामपाल जी महाराज के  शिष्य ने ज्ञान गंगा पुस्तक कौशिक महाराज को भेंट की और उसके बाद कौशिक जैसे ही मंच पर पहुंचे तो उन्होंने अपनी सुरक्षा कर्मियों को आदेश देकर संत रामपाल जी महाराज के शिष्यों को वहां से खदेड़वा दिया एवं सुरक्षा कर्मी ने यहां तक धमकी दे डाली कि "आप इस क्षेत्र में नहीं दिखना चाहिए"।



 हम यह पूछना चाहते हैं की हमने ऐसा कौन सा पाप किया या संविधान की अवहेलना की जिसके कारण कौशिक जी महाराज ने अपने सुरक्षा कर्मी को ऐसा आदेश दिया और उस सुरक्षाकर्मी ने आदेश का पालन करते हुए संत रामपाल जी महाराज के शिष्यों के साथ इस प्रकार का बुरा व्यवहार किया। 

अगर कौशिक जी महाराज को हमसे कोई परेशानी थी या पीड़ा थी तो वह बड़ी ही सरलता के साथ या प्यार के साथ हमसे कह सकते थे परंतु इस प्रकार के बर्ताव से हमारे मन में आपके प्रति जो सम्मान था वह गिर गया।

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